chandramukhi 2 review in Hindi
chandramukhi 2 review : ‘चंद्रमुखी 2’ रजनीकांत और ज्योतिका अभिनीत फिल्म का सीक्वल है। राघव लॉरेंस और कंगना रनौत स्टारर फिल्म चंद्रमुखी 2 सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। यह 2005 में रिलीज हुई रजनीकांत की फिल्म ‘चंद्रमुखी’ की कहानी को आगे बढ़ाती है।
फिल्म में आपको राघव लॉरेंस वेट्टैयान राजा की भूमिका में देखने को मिलेंगे, जबकि दूसरी ओर, कंगना ने चंद्रमुखी की भूमिका निभाई है। इन दोनों के अलावा महिमा नांबियार, वाडिवेलु, राव रमेश, राधिका सरथ कुमार और मेनन लक्ष्मी जैसे कलाकार इस फिल्म का हिस्सा हैं।
आपको बता दें कि इस हॉरर कॉमेडी फिल्म का निर्देशन पी वासु ने किया है और एमएम कीरावनी इस फिल्म के म्यूजिक प्रोड्यूसर हैं.
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क्या है चंद्रमुखी 2 (chandramukhi 2) की कहानी?
कहानी एक अमीर परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। उनके परिवार में कई समस्याएं हैं और उनसे निपटने के लिए वह अपने दादा के परदादा के घर यानी वेट्टैयान पैलेस लौट आते हैं। लंबे समय से खोए हुए रिश्तेदारों के साथ मिलकर, वे समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं। लेकिन वे सभी इस बात से अनजान हैं कि महल में अनुष्ठान करने से चंद्रमुखी और वेट्टैयन राजा के बीच वर्षों से चल रहा झगड़ा फिर से शुरू हो जाएगा। अब इस लड़ाई में कौन किस पर भारी पड़ेगा? और किसकी जीत सुनिश्चित होगी? क्या परिवार में एक बार फिर शांति का माहौल बनेगा? इन सभी सवालों के जवाब आपको फिल्म में ढूंढने होंगे.
‘चंद्रमुखी 2’ की कहानी इसके प्रीक्वल से ली गई है, जो खुद मोहनलाल और शोबन की ‘मणिचित्राथाझु’ की रीमेक थी। राधिका सरथकुमार की बेटी अपने पति के साथ भाग जाती है और परिवार के क्रोध का पात्र बनती है। चूंकि उनका अंतरजातीय विवाह है, इसलिए उनकी ओर से कोई मंजूरी नहीं है। दुःख की बात है कि एक भयानक दुर्घटना के कारण उनकी बेटी और दामाद की दो बच्चों को छोड़कर मृत्यु हो गई। पांडियन (राघव लॉरेंस) उनका कार्यवाहक है।
राधिका का परिवार अपने जीवन में एक के बाद एक त्रासदी देख रहा है। इसलिए, एक आध्यात्मिक गुरु उन्हें अपने पारिवारिक देवता के पास जाने और पूजा करने के लिए कहते हैं। इसे सफल बनाने के लिए उन्हें अपने पोते-पोतियों को भी पूजा का हिस्सा बनने देना पड़ा। यह परिवार वेट्टैयापुरम महल में आता है, जो अपनी कहानी के लिए कुख्यात है। यहीं पर गंगा (ज्योतिका) विभाजित व्यक्तित्व विकार से पीड़ित थी और एक नर्तकी चंद्रमुखी की तरह व्यवहार करती थी। वडिवेलु के स्वामित्व वाले महल पर चंद्रमुखी और पांडियन के भूतों का कब्ज़ा है। कहानी यह है कि राधिका और उसके परिवार के साथ क्या होता है।
चंद्रमुखी 2 की कैसी रही परफॉर्मेंस
कंगना रनौत ने लंबे समय बाद ऐसे रोल में काम किया है. लेकिन आज भी वह जानती हैं कि ऐसे रोल्स में अपना बेस्ट कैसे देना है। उन्होंने चंद्रमुखी के किरदार में जान फूंकने का बेहतरीन काम किया है। चंद्रमुखी की स्क्रीन पर एंट्री आपको उत्साहित कर देगी. बड़ी-बड़ी आंखें, आंखों में काजल और घुंघराले बाल, उनका लुक चंद्रमुखी के साथ न्याय करने में कोई कसर नहीं छोड़ता। दूसरी ओर, वेट्टैयान राजा के रूप में रजनीकांत की जगह राघव लॉरेंस ने जो काम किया है, उसकी तारीफ करनी होगी, हालांकि वह रजनीकांत की शैली को पकड़ने में सफल नहीं होते हैं।
वह किसी भी सीन में रजनीकांत का लेवल नहीं छू पाते. कंगना और राघव की केमिस्ट्री कमाल की लगती है, खासकर एक्शन सीन में जब दोनों एक-दूसरे पर तलवार से हमला करते हैं, उस सीन को देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
वडिवेलु ने भी अपने किरदार में जबरदस्त परफॉर्मेंस दी, उनका मजाकिया अंदाज आपको निराश नहीं करेगा. महिमा नांबियार और राव रमेश जैसे अन्य कलाकार भी अपनी भूमिकाओं में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
कैसी है फिल्म ‘चंदमुखी 2’ (chandramukhi 2 review)
चंद्रमुखी 2 की कहानी दिलचस्प है जो आपको अंत तक स्क्रीन से बांधे रखने की पूरी कोशिश करेगी। लेकिन जिस तरह से कहानी को स्क्रीन पर पेश किया गया है, खासकर फर्स्ट हाफ में, आप बोर हो सकते हैं.
सच कहें तो फिल्म का पहला हाफ काफी औसत है, हालांकि दूसरे हाफ में फिल्म अच्छी वापसी करने में कामयाब रहती है। फिल्म में कुछ डरावने सीन हैं जो आपको डराने की कम और हंसाने की ज्यादा कोशिश करते हैं. डायलॉग्स भी उतने अच्छे नहीं हैं जितने होने चाहिए, छोटे-छोटे ट्विस्ट हैं जो आपको फिल्म देखने पर मजबूर कर देंगे।
पी वासु अगर बेहतर फोकस रखते तो इस फिल्म को और बेहतर बना सकते थे। फिल्म का संगीत अच्छा है लेकिन उतना अच्छा नहीं जितना हमने सोचा था, कुल मिलाकर यह एक औसत फिल्म है। अगर आप कंगना रनौत के लिए यह फिल्म देखना चाहते हैं तो देखिये, वह आपको निराश नहीं करेंगी।
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