प्रस्तावना कौशल (SKILL OF SET INDUCTION)

प्रस्तावना कौशल का अर्थ (SKILL OF SET INDUCTION) परिभाषा , प्रस्तावना कौशल का उद्देश्य, विशेषताएँ, आवश्यकता एवं महत्व , SKILL OF SET INDUCTION in hindi

प्रस्तावना कौशल का अर्थ

प्रस्तावना कौशल का अर्थ (Meaning Of Introducing skill) — शिक्षक पाठ प्रस्तुतीकरण के पूर्व छात्रों का ध्यान आकर्षित करने, रुचि उत्पन्न करने, जिज्ञासा उत्पन्न करने, अनियन्त्रित मन को नियन्त्रित करने, पूर्व ज्ञान को टटोलने के लिए, पूर्वज्ञान का नवीन ज्ञान से सम्बन्ध स्थापित करने के लिए, जो भी कक्षा के अन्तर्गत क्रिया-कलाप करता है, उसे प्रस्तावना कहते हैं।

किसी भी कार्य के सकुशल सम्पादन में, उस कार्य को सम्पादित करने के लिए उस व्यक्ति की मनोवैज्ञानिक दशा का विशेष महत्त्व होता है। काम कितना ही क्यों न हो? जब तक व्यक्ति की उस काम में रुचि न हो, वह आत्म-प्रेरित न हो, तो वह कार्य को उतने अच्छे ढंग से सम्पादित नहीं कर पायेगा जितनी की उससे सम्भावना की जा सकती है।

शिक्षक का एक प्रमुख दायित्व यह है कि वह छात्र-अधिगम के लिए कक्षा में अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न करें क्योंकि एक विशिष्ट प्रकार के अधिगम के लिए कुछ विशिष्ट प्रकार की परिस्थितियाँ आवश्यक होती हैं। पाठ-प्रस्तावना कौशल का समुचित रूप से प्रयोग करके शिक्षक शिक्षण-अधिगम की परिस्थितियाँ तैयार करता है जिसके फलस्वरूप शिक्षार्थीगण नवीन पाठ के अधिगम में रुचि लेते हैं।

प्रस्तावना कौशल का उद्देश्य

  • विद्यार्थियों का ध्यान केंद्रित करना
  • विद्यार्थियों में जिज्ञासा व जागृत करना
  • विद्यार्थियों को नवीन ज्ञान के लिए तत्पर व प्रेरित करना
  • विद्यार्थियों के लिए अधिगम वातावरण का निर्माण करना।
प्रस्तावना कौशल का अर्थ व उद्देश्य

प्रस्तावना कौशल की आवश्यकता

कौशल का समुचित रूप से प्रयोग करके शिक्षक शिक्षण-अधिगम की परिस्थितियाँ तैयार करता है जिसके फलस्वरूप शिक्षार्थीगण नवीन पाठ के अधिगम में रुचि लेते हैं इससे विद्यार्थियों का ध्यान केंद्रित किया जा सके , जिज्ञासा व जागृत करना, प्रमुख अधिगम वातावरण का निर्माण किया जा सके इसलिए शिक्षक और शिक्षार्थी के लिए इस कौशल में दक्ष होना आवश्यक होता हैं ।

प्रस्तावना कौशल का महत्व/उपयोगिता

  1. छात्रों में रुचि पैदा करने के लिए प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है।
  2. छात्रों को विषय-वस्तु या नवीन ज्ञान सीखने के लिए, उत्सुक बनाने हेतु प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है।
  3. छात्रों के ध्यान को विषय वस्तु के प्रति केन्द्रित करने के लिए प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है।
  4. छात्रों के अनियन्त्रित मन को नियन्त्रित करने के लिए प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है।
  5. छात्रों के पूर्वज्ञान को नवीन ज्ञान से जोड़ने के लिए प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है।
  6. प्रस्तावना प्रस्तुत करके छात्रों के लिए नवीन ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रसंग की रचना की जाती है।
  7. प्रस्तावना के आधार पर छात्रों को अभिप्रेरित किया जाता है।
  8. प्रस्तावना के आधार पर नये ज्ञान या विचार को महत्त्वपूर्ण बनाया जाता है।

प्रस्तावना कौशल के घटक

प्रस्तावना कौशल के प्रमुख घटक निम्न प्रकार से हैं –

  1. पूर्व ज्ञान का नवीन ज्ञान से संबंध
  2. तात्कालिक घटनाओं से संबंध
  3. प्रश्न / कथन /विचार में सातत्य (Continuty)
  4. युक्ति की उपयुक्तता
    • (घटना , कहानी, उदाहरण, प्रदर्शन , हास्य प्रसंग , खेल , पहेली , गतिविधि , अभिनय , प्रश्न , अन्य )
  5. साधन युक्ति
    • ( चित्र , मानचित्र , ग्राफ, मॉडल , उपकरण , अखबार , टेपरिकॉर्डर , ओ. एच. पी. , फिल्म , नमूने , वस्तु अन्य )
  6. हाव-भाव एवं ध्यानाकर्षण
  7. भाषा शैली की स्पष्टता
  8. स्तरानुकूलता
  9. जिज्ञासा उत्पन्न करना
  10. उत्साहवर्धन

प्रस्तावना कौशल का प्रारूप (Format)

प्रस्तावना कौशल अवलोकन प्रपत्र

  • अवलोकन प्रपत्र ( पर्यवेक्षक के लिए )
  • अवलोकन प्रपत्र ( छात्राध्यापक के लिए )

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