विद्यालय प्रार्थना सभा

heartfelt inspiration, hope, and guidance – Vidyalaya Prarthana Sabha , Vidyalaya Prarthna Sabha | School Prayer in hindi | School Assembly in Hindi [ Motivational , Hope ]

सीखने सिखाने की प्रक्रिया में विद्यालय का प्रत्येक क्षण महत्वपूर्ण होता हैं। लेकिन प्रार्थना सभा अतिमहत्वपूर्ण है, क्योंकि उस समय सम्पूर्ण विद्यालय को एक सभा के रूप में एकत्रित होना होता हैं। प्रार्थना सभा में सभी शिक्षक, शिक्षार्थी एक साथ उपस्थित होते हैं और मिलकर गतिविधियों में भाग लेते हैं। सभी कक्षाओं के छात्र-छात्रा एक साथ बैठते हैं। बच्चों को बड़े समूह में ज्यादा सीखने को मिलता हैं। साथ ही यह विद्यालय सम्बन्धित निर्णय, सूचना, आदेश, निर्देश से भी अवगत कराने का सवोत्तम तरीका हैं।

Vidyalaya Prarthana Sabha , Vidyalaya Prarthna Sabha  | School Prayer in hindi | School Assembly in Hindi

सभी विद्यालय कुछ परम्पराओं व नियमों का पालन करते हैं। प्रार्थना सभा ऐसी ही परम्परा हैं जिसका उद्देश्य हैं- मेल-मिलाप । विद्यार्थी प्रायः सप्ताह के प्रत्येक दिन प्रागंण में एकत्र होते हैं। विद्यार्थियों को एक स्थान पर सीधी लाइनों में खड़ा करके प्रार्थना, योगा , प्राणायाम , राष्ट्रीय गीत, राष्ट्र‌गान ,प्रतिज्ञा करवाई जाती हैं। स्पष्ट रूप से कहा जाए तो प्रार्थना सभा किसी भी विद्यालय का एक ऐसा दर्पण हैं, जो उस विद्यालय के भौतिक, शैक्षिक, सामाजिक, राजनीतिक , मानसिक, सांस्कृतिक और आधात्मिक वातावरण का साफ व स्पस्ट चित्र दिखलाता है।

प्रार्थना सभा सामान्यत अपने जीवन में हर नया कार्य प्रारंभ करने से पहले लगभग सभी व्यक्ति कार्य सिद्धि हेतु ईश-वंदना करते हैं उसी प्रकार विद्यार्थी देश का भविष्य तय करते हैं। विद्यार्थियों को चारों ओर से परिपवन बनाने में एक पहलू प्रार्थना संबंधी गतिविधि होती हैं –

  1. विद्यालय प्रार्थना सभा से बच्चों में सामुदायिक सहभागिता की भावना उत्पन्न होती हैं।
  2. विद्यालय के दैनिक जीवन में अनुशासन का पहला पाठ- प्रार्थना सभा से ही शुरू होता हैं।
  3. विद्यार्थियों के आत्म-विश्वास में वृद्धि होती हैं।
  4. प्रार्थना सभा के समय पारस्परिक परिचय प्राप्त संवाद स्थापित कर सामाजिकता भी विकास करते हैं।
  5. सामूहिक पी. टी. / योग क्रियाओं द्वारा विद्यार्थियों का शारिरीक विकास होता हैं
  6. ईश्वर तथा आध्यात्मिक के भाव का विकास करते हेतू ।

विद्यार्थियों के मुख्य विकास ये वंशानुक्रम पारिवारिक वातावरण, सामाजिक, पर्यावरण , विद्यालय वातावरण प्रार्थना सभा का अपना महत्व हैं। आगामी जीवन में सम्पन्न किए जाने वाले दायित्वों की सामाजिक तैयारी का यह दौर गंभीरता से लिया जाता हैं। विद्यार्थियों की विशेष उपलब्धियों के लिए उन्हें यदि पुरुस्कार देना हो इसके लिए भी यह उचित समय है। उद्दंड छात्रों को अल्प समय के लिए ही सही सभा में खड़ा करना कारगार सजा हैं। आज का विचार, दैनिक समाचार, प्रेरक प्रसंग इत्यादि प्रस्तुत करते हैं, इससे उन्हें मंच मिलता है, आत्म विश्वास बढ़ता है, सामान्य ज्ञान में वृद्धि होती हैं तथा वाक् निपुणता का भी विकास होता हैं।

  • बालकों के अनुभवों तथा स्वचितन को बढावा देने के लिए।
  • विद्यालय की एकता को बनाए रखने के लिए।
  • बालकों को दर्शक तथा श्रोतागढ़ से रूबरू होने का अवसर प्राप्त होता है तथा वह अपनी झिझक कम कर पाता है।
  • छात्रों में संबद्धता तथा एकता की भावना का विकास करना।
  • विद्यालय के सभी कार्यक्रमों को एक साथ बालकों को अधिक स्पष्ट से परिचित कराने हेतु ।
  • बालकों के आत्मबल तथा आत्मविश्वास को बढ़ाने हेतु ।
  • बालकों को सार्वजनिक जीवन में अच्छे सामाजिक व्यवहार के लिए प्रशिक्षित करने हेतू ।
  • त्योहारों के साथ देश प्रेम के प्रति प्रेम भावना को उजागर करने हेतू तथा उन्हें इनकी पहचान कराने हेतु ।
  • धार्मिक तथा नैतिक विकास के लिए।
  • बालकों में राष्ट्रीय एकीकरण तथा धर्मनिरपेक्षता की भावना का विकास करने हेतु ।
  • जानकारी साझा करने हेतु ।
  • अनुशासन तथा व्यवस्थित आचरण को आत्मसात करने हेतु
  • विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान करने तथा उत्साहित करने हेतु ।
  • सत्य. शान्ति, प्रेम भावना का विद्यार्थियों में विकास करने हेतु ।
  • प्रार्थना सभा के दौरान होने वाले सभी कार्यक्रमों को व्यवस्थित तथा सूची बना के करना चाहिए ।
  • प्रार्थना सभा के दौरान किसी भी प्रकार की अनावश्यक आवाज ना की जाए।
  • प्रार्थना सभा के दौरान सभी को अनुशासित तरीके से सभा का हिस्सा बनना चाहिए ।
  • प्रार्थना सभा हेतु जिन भी जरूरी चीजों को अभ्यास में लाना आवश्यक हैं उनका अभ्यास एक दिन पहले ही कर लें।
  • प्रार्थना सभा के दौरान सभी को चैतन्य तथा प्रार्थना सभा के प्रति समर्पित होना चाहिए।
  • प्रार्थना सभा के दौरान अनावश्यक वस्तुओं को अपने साथ नहीं रखना चाहिए।
  • प्रार्थना सभा में सम्पूर्ण रूप से विद्यालय के प्रशासन को अपना सहयोग बनाए रखना चाहिए । जिससे सभी प्रकार की आवश्यकता की पूर्ति की जा सके।
  • सभी विद्यार्थियों को प्रार्थना सभा में भाग लेने हेतु अनुशासित तरीके से बुलाना तथा शान्ति बनाए रखना चाहिए।
  • सभी विद्यार्थियों को उनके स्थान सुनिश्चित करना व एक सीधी रेखा में तथा उनके लंबाई अनुसार व्यवस्थित करना।
  • प्रार्थना सभा के समाप्त हो जाने के बाद सभी को उनकी कक्षों में बिना किसी समस्या के हुए जाने में सहायता करना।

विद्यालय प्रार्थना सभा से मैंने क्या सीखा –

  • प्रार्थना सभा बहुत ही महत्वपूर्ण भू‌मिका अदा करती है
  • प्रार्थना सभा में दिशा-निर्देश देने में महत्वपूर्ण ।
  • प्रार्थना सभा प्रारम्भ होने से पहले सभी विद्यार्थियों को व्यवस्थित करना तथा उनका निरिक्षण करना ।
  • विद्यार्थियों को व्यवस्थित तरीके से उपस्थित करना, तथा अनुशासन व्यवस्था पर ध्यान देना।
  • प्रार्थना सभा में भाग लेने वाले विद्यार्थियों का चयन व भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि विद्यार्थी अपनी शंका, सिझक को दूर कर सके तथा उनका आत्मविश्वास बढ़ सके ।

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