VMOU SO-03 Paper BA 2nd Year ; vmou exam paper 2024
नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में VMOU BA Second Year के लिए Sociology समाजशास्त्र ( SO-03 , Social Research (सामाजिक अनुसंधान) का पेपर उत्तर सहित दे रखा हैं जो जो महत्वपूर्ण प्रश्न हैं जो परीक्षा में आएंगे उन सभी को शामिल किया गया है आगे इसमे पेपर के खंड वाइज़ प्रश्न दे रखे हैं जिस भी प्रश्नों का उत्तर देखना हैं उस पर Click करे –
Table of Contents
Section-A
प्रश्न-1. वस्तुपरकता को परिभाषित कीजिए ?
उत्तर:-वस्तुपरकता एक तत्व की स्थिति है जिसमें व्यक्ति या जीवन्त प्राणी उसके पर्याप्त गुणों, विशेषताओं और महत्व को समझते हैं। इससे उनकी ध्यान केंद्रित होती है और वास्तविकता को समझने में मदद मिलती है। अथार्थ वस्तुता एक दृष्टिकोण है जिसमें जानकारी या मूल्यांकन व्यक्तिगत भावनाओं और पक्षपात से मुक्त रूप से किया जाता है। इसमें तथ्यों और सबूतों का प्रमुख स्थान होता है, ना कि व्यक्तिगत राय या आशयों का।
प्रश्न-2. वैज्ञानिक अनुसंधान से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:-“वैज्ञानिक अनुसंधान” का मतलब है एक प्रक्रिया जिसमें वैज्ञानिक तथ्यों और जानकारी का विश्लेषण और अध्ययन करके नई ज्ञान या विशेष जानकारी प्राप्त करने का काम होता है। यह एक विशेष तरीके से योग्यता और विशेषज्ञता वाले वैज्ञानिकों द्वारा किया जाता है जो विभिन्न विज्ञान क्षेत्रों में काम करते हैं।
प्रश्न-3. सकारात्मक उपकल्पना का एक उदाहरण दीजिए ?
उत्तर:-सकारात्मक परिकल्पना का एक उदाहरण यह हो सकता है कि “व्यायाम करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है”। इस परिकल्पना में सकारात्मक दृष्टिकोण है क्योंकि यह सुझाव देता है कि व्यायाम करने से मानसिक स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है। जब इस परिकल्पना को अनुसंधान के आधार पर परीक्षण किया जाता है, तो उस पर आधारित दायित्वपूर्ण प्रयोग और अनुसंधान के परिणामों का पता लगाया जा सकता है कि क्या यह सकारात्मक परिकल्पना सही है या नहीं।
प्रश्न-4. वैज्ञानिक अनुसंधान का उद्देश्य बताइए ?
उत्तर:-वैज्ञानिक अनुसंधान का उद्देश्य नई जानकारी प्राप्त करना, समस्याओं का समाधान ढूंढना, विभिन्न सामाजिक और प्रौद्योगिकी मुद्दों का समाधान निकालना और मानव समृद्धि और विकास को बढ़ावा देना होता है। इसके अंतर्गत वैज्ञानिक अध्ययन, प्रयोग, प्रयोगशील अनुसंधान और नवाचारों का विकास शामिल होता है।
प्रश्न-5. सामाजिक सर्वेक्षण के उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए ?
उत्तर:-“सामाजिक सर्वेक्षण सामान्यतः किसी समूह के सदस्यों की रचना, क्रियाकलापों तथा रहन सहन की दशाओं के सम्बन्ध में जाँच पड़ताल करना है।” “सामाजिक सर्वेक्षण का स्पष्ट उद्देश्य किसी विशेष सामाजिक परिस्थित, समस्या या जनसंख्या का व्यवस्थित और वैज्ञानिक रूप से विश्लेषण करने की एक पद्धति है।”
प्रश्न-6. विज्ञान क्या है ?
उत्तर:-विज्ञान विश्व की प्राकृतिक और सामाजिक प्रक्रियाओं की तथ्यात्मक अध्ययन और विश्लेषण है। यह विश्वास्य जानकारी का आधार रखता है और प्रश्नों के वैज्ञानिक उत्तर खोजता है, जो तथ्यों और प्रमाणों पर आधारित होते हैं। दूसरे शब्दों मे विज्ञान एक तरीका है जिसमें हम प्राकृतिक और सामाजिक घटनाओं को अध्ययन करते हैं और उनकी विधियों और नियमों को समझने का प्रयास करते हैं। यह तथ्यों और प्रमाणों पर आधारित होता है और नए ज्ञान की खोज करता है।
प्रश्न-7. प्राथमिक तथ्य से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:-प्राथमिक डेटा’ से तात्पर्य है कि यह उन जानकारियों को सूचित करता है जिन्हें सीधे स्रोत से संग्रहित किया गया है, बिना किसी मध्यस्थ के। यह तथ्यों की प्रारंभिक और मूल जानकारी होती है जो नए अनुसंधान या विश्लेषण के लिए प्रयुक्त होती है। या दूसरे शब्दों में कहे तो प्राथमिक तथ्य से अभिप्राय है कि यह मूल और स्पष्ट जानकारी होती है जो स्थितिकरण, विवेकपूर्ण निष्कर्ष या निरूपण के लिए उपयुक्त होती है। इन तथ्यों का उपयोग सही और यथासंभाव निष्कर्ष निकालने में किया जाता है।
प्रश्न-8. सारणीयन को परिभाषित कीजिए ?
उत्तर:-सारणीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें डेटा, जानकारी या आंकड़ों को सारणी या तालिका के रूप में व्यवस्थित और प्रस्तुत किया जाता है। इसका उद्देश्य जानकारी को सुसंगत और संगठित तरीके से प्रस्तुत करना होता है ताकि उसे आसानी से समझा और उपयोग किया जा सके।
प्रश्न-9. वैज्ञानिक पद्धति क्या है ?
उत्तर:-वैज्ञानिक पद्धति विज्ञान की सभी शाखाओं मे सामान्य होती है। इस पद्धति के द्वारा विषय से सम्बंधित सामान्य तथ्यों को ढूंढा जाता है। इस पद्धति मे अध्ययन विषय को ठीक उसी रूप मे प्रस्तुत करते है अध्ययन करते समय पूर्व धारणाओं, विचारों पक्षपात आदि को दूर रखते है।
दूसरे शब्दों में कहे तो वैज्ञानिक तरीका एक प्रणाली है जिसका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान में किया जाता है ताकि नए ज्ञान की प्राप्ति की जा सके। यह प्रक्रिया प्रयोग, अनुसंधान, और परिक्षण के माध्यम से सिद्धांतों और मानकों की पुष्टि करने का प्रयास करती है। वैज्ञानिक तरीका आवश्यकताओं के आधार पर निर्मित किया गया है ताकि सिद्धांतों को विश्लेषण किया जा सके और नए ज्ञान की प्राप्ति हो सके।
प्रश्न-10. सामाजिक सर्वेक्षण को परिभाषित कीजिए ?
उत्तर:-सामाजिक सर्वेक्षण किसी एक ही क्षेत्र के विशिष्ट सूचनादाताओं की विशिष्ट समस्याओं तथा परिस्थितियों का अध्ययन है। सामाजिक सर्वेक्षण का संगठन प्रायः एक अध्ययन दल द्वारा होता है। इसका अध्ययन क्षेत्र विस्तृत होता है और सभी तथ्यों का संकलन एक व्यक्ति के द्वारा नहीं हो पाता। अतः यह एक सामूहिक प्रक्रिया है।
प्रश्न-11. समग्र क्या है ?
उत्तर:-अनुसंधान क्षेत्र की संपूर्ण इकाइयाँ सामूहिक रूप से ‘समग्र’ कहलाती हैं।
प्रश्न-12. सोशल सर्वे एंड रिसर्च’ पुस्तक के लेखक कौन हैं ?
उत्तर:-पॉलीन विस्लिक यंग(पी० वी० यंग)
प्रश्न-13. सोद्देश्य निदर्शन क्या है ?
उत्तर:-इस प्रणाली के अंतर्गत अनुसंधानकर्ता अपनी इच्छा के अनुरूप समग्र मे से कुछ इकाइयाँ चुन लेता है व उनका अध्ययन करता है। कौन-सी इकाई निदर्शन मे सम्मिलित हो और कौन सी छूट जाए यह अवसर की बात नही रहती वरन् अनुसंधानकर्ता की इच्छा पर निर्भर करता है।
प्रश्न-14. क्रियात्मक अनुसंधान क्या है ?
उत्तर:- क्रियात्मक अनुसंधान एक प्रक्रिया है जिसमें अनुसंधानकर्ता समस्याओं का अध्ययन करते हैं और उन्हें हल करने के लिए क्रियाएँ निर्धारित करते हैं। यह विशेष रूप से शिक्षा, संगठन विकास और समुदाय में उपयोगी होता है जहाँ प्रैक्टिकल परिस्थितियों का अध्ययन और उनका सुधार करना महत्वपूर्ण होता है।
प्रश्न-15. बहुलक को परिभाषित कीजिए ?
उत्तर:-
Section-B
प्रश्न-1. प्रश्नावली एवं अनुसूची के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर:-प्रश्नावली को स्तर के अनुसार नहीं बदला जा सकता है। जबकि अनुसूची प्रणाली के अन्तर्गत, उत्तरदाताओं के विभिन्न स्तरों से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
प्रश्नावली: यह एक सेट प्रश्नों का होता है जिन्हें किसी विशिष्ट विषय पर जानकारी प्राप्त करने के लिए पूछा जाता है। प्रश्नावली का उद्देश्य जानकारी की प्राप्ति करना होता है।
अनुसूची: यह एक विशिष्ट विषय की सूची होती है जिसमें विभिन्न विषयों या विवरणों की जानकारी उपलब्ध होती है। अनुसूची का उद्देश्य जानकारी को संगठित और आसानी से पहुँचना होता है।
प्रश्न-2. प्राथमिक एवं द्वितीयक तथ्यों के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर:-
प्राथमिक और सेकेंडरी डेटा के बीच अंतर को निम्नलिखित रूप में स्पष्ट किया जा सकता है:
प्राथमिक डेटा:
- प्राथमिक डेटा वह जानकारी होती है जो पहले से स्रोत से संग्रहित की गई होती है, ताजा और मूल होती है।
- यह विशेष स्थान, समय और परिस्थितियों में संग्रहित की जाती है और सीधे मूल स्रोत से प्राप्त होती है।
- प्राथमिक डेटा को पहले से नहीं बदला जाता है और यह उपयोगकर्ताओं की विशेष आवश्यकताओं के अनुसार अनुपयोगी नहीं होती है।
सेकेंडरी डेटा:
- सेकेंडरी डेटा वह जानकारी होती है जो पहले से उपलब्ध डेटा स्रोतों से ली जाती है, जैसे कि पुस्तकें, अनुसंधान रिपोर्ट्स, आदि।
- यह विभिन्न स्रोतों से संग्रहित होती है और पहले से मूल डेटा की पुन:प्रस्तुति करती है।
- सेकेंडरी डेटा को व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार संशोधित और संवादित किया जा सकता है।
इस तरह, प्राथमिक और सेकेंडरी डेटा में उनके स्रोत, प्राप्ति प्रक्रिया, और प्रयोग में अंतर होता है।
प्रश्न-3. शुद्ध अनुसंधान एवं व्यवहारिक अनुसंधान के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर:-मुख्य अनुसंधान और अनुप्रयुक्त अनुसंधान के बीच अंतर को निम्नलिखित रूप में स्पष्ट किया जा सकता है:
मुख्य अनुसंधान:
- मुख्य अनुसंधान वह अनुसंधान होता है जिसका मुख्य उद्देश्य नए ज्ञान की खोज और समझना होता है।
- इसमें नए सिद्धांतों, नियमों या तथ्यों की खोज की जाती है, जिनसे विज्ञानिक या शिक्षात्मक उपयोग के लिए नया ज्ञान प्राप्त हो सकता है।
- मुख्य अनुसंधान का उद्देश्य सामान्यत: विज्ञान के क्षेत्र में नए और मूल ज्ञान को बढ़ावा देना होता है।
अनुप्रयुक्त अनुसंधान:
- अनुप्रयुक्त अनुसंधान वह अनुसंधान होता है जिसका मुख्य उद्देश्य मौजूदा ज्ञान का वास्तविक उपयोग करके विशिष्ट समस्याओं का समाधान प्राप्त करना होता है।
- इसमें पहले से जाने जाने वाले तथ्यों का उपयोग किया जाता है ताकि वास्तविक जीवन में उनका उपयोग हो सके, जैसे कि तकनीकी अद्यतन, नवाचार या उत्पादों की विकासन.
- अनुप्रयुक्त अनुसंधान का उद्देश्य समस्याओं के समाधान, तकनीकी विकास या अनुप्रयोग के क्षेत्र में प्रगति करना होता है।
प्रश्न-4. वैयक्तिक (व्यक्ति) अध्ययन पद्धति की कार्य – विधि की विवचना कीजिए ?
उत्तर:-वैयक्तिक (व्यक्ति) अध्ययन पद्धति व्यक्तिगत जीवन, व्यक्तिगत विकास और आवश्यकताओं की समझ के लिए प्रयुक्त होती है। यह किसी व्यक्ति के व्यक्तिगतता, विचार, भावनाओं, और सामाजिक परिप्रेक्ष्य की गहराई की ओर मध्यस्थ नजर रखती है।
कार्य-विधि:
- सूचना संग्रहण: इस पद्धति में व्यक्ति से संग्रहित जानकारी और डेटा को संग्रहित किया जाता है।
- समागम और विश्लेषण: इस पद्धति में विशिष्ट जानकारी को विश्लेषण किया जाता है, जिससे व्यक्ति की विशेषताओं और गुणों की पहचान होती है।
- सांविदानिक अंशों का आकलन: यहाँ पर व्यक्ति के व्यक्तिगत अद्यतन और विकास के संकेत देखे जाते हैं, जैसे कि व्यक्ति के मूल्य, मान्यता, और आत्म-संवाद के आकलन के साथ।
- समीक्षा और परिणाम: इस अध्ययन में विशिष्ट विचार, विचार और परिणामों का विश्लेषण किया जाता है, जिससे व्यक्ति के संवाद के प्रति संवाद का प्रतिसाद मिलता है।
व्यक्तिगत अध्ययन पद्धति व्यक्तिगत विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, और पेशेवर विकास के क्षेत्र में सामर्थ्यों और सीमाओं की समझने में मदद करती है।
प्रश्न-5. उपकल्पना को परिभाषित कीजिए। एक अच्छी उपकल्पना की विशेषताएँ बताइए ?
उत्तर:-
प्रश्न-6. निदर्शन को परिभाषित कीजिए । निदर्शन के प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए ?
उत्तर:-निदर्शन एक प्रक्रिया हैं जिसमें हम लोगों के बड़े समूह में से छोटे समूह में लोगों के बारे में अध्ययन करने की सुविधा प्राप्त होती हैं जिससे निकले निष्कर्ष बड़े समूह के सभी लोगों पर लागू होने की संभावना हैं । कभी कभी सम्पूर्ण समूह के बारे में अध्ययन करना कठिन होता हैं।
प्रश्न-7. वैधता एवं विश्वसनीयता के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर:-विश्वसनीयता का अर्थ यह है कि किसी मापक प्रक्रिया को कितनी भी बार करने पर समान उत्तर की प्राप्ति किस सीमा तक होती है । वैधता का अर्थ यह है कि वह उत्तर किस सीमा तक सही है ।
वैधता और विश्वसनीयता के बीच अंतर को मुख्यत निम्नलिखित रूप में स्पष्ट किया जा सकता है-
वैधता:–
- वैधता एक मापी या परीक्षण की गुणवत्ता को दर्शाती है जिससे यह प्रतिष्ठित होता है कि मापी तकनीक या परीक्षण वास्तविकता में सही और योग्य है।
- यह यादृच्छिकता और त्रुटियों की अनुमति नहीं देता है, और मापी प्रक्रिया की वैधता और सहीता को जांचता है।
विश्वसनीयता:–
- विश्वसनीयता मापी तकनीक या परीक्षण की स्थिरता और पुनरावृत्ति की गुणवत्ता को दर्शाती है।
- यह तकनीक की सटीकता, स्थिरता, और परिणामों की स्थिरता की जांच करता है और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि मापी तकनीक के परिणाम विभिन्न परियोजनाओं और समयों में समान और स्थिर रहते हैं।
इस तरह, वैधता और विश्वसनीयता के बीच उनके मापी तकनीक की गुणवत्ता और स्थिरता की जांच में अंतर होता है।
प्रश्न-8. अनुसंधान में वैज्ञानिक पद्धति के चरणों का उल्लेख कीजिए ?
उत्तर:-
प्रश्न-9. सामाजिक सर्वेक्षण के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर:-सामाजिक सर्वेक्षण के माध्यम से सामाजिक संस्थाओं के स्वरूप, उनके प्रभाव, उनेक महत्व, उनकी उपयोगिता, उनमें परिवर्तन या परिवर्द्धन की आवश्यकता आदि के विषय में जानकारी मिलती है। इसके निष्कर्ष अपेक्षाकृत अधिक प्रमाणिक तथा विश्वसनीय होते हैं। क्योंकि इसके अंतर्गत सर्वेक्षक सामाजिक तथ्यों का स्वयं अवलोकन करता है। अथार्थ सामाजिक सर्वेक्षण समाजशास्त्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह समाज में विभिन्न सामाजिक विकास, समस्याएँ, और परिवर्तनों की जानकारी प्रदान करता है। यह सर्वेक्षण सामाजिक गतिविधियों, समाजिक संरचना, सामाजिक समाज, और समाज के विभिन्न पहलुओं की जानकारी संकलित करने में मदद करता है। इसके माध्यम से सामाजिक विज्ञानिकों को समाज की स्थिति, समस्याएँ और आवश्यकताएँ समझने में सहायता मिलती है जो उन्हें निर्णय लेने के लिए आवश्यक होती हैं। सामाजिक सर्वेक्षण द्वारा जुटाई गई जानकारी के माध्यम से सरकारें, संगठन और समाज सेवी संगठन समाज की समस्याओं का समाधान करने में मदद करते हैं और विकास की दिशा में सामाजिक नीतियों का निर्धारण करने में सहायक साबित होते हैं।
प्रश्न-10. उपकल्पना के प्रकारों की चर्चा कीजिए ?
उत्तर:-
प्रश्न-11. सूचना के प्राथमिक स्रोतों को स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर:- पर एक टिप्पणी लिखिए ।
प्रश्न-12. वस्तुनिष्ठता की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ?
उत्तर:-
प्रश्न-13. वैयक्तिक अध्ययन पद्धति पर एक लघु टिप्पणी लिखिए ?
उत्तर:-
प्रश्न- 14. दैव निदर्शन के प्रकारों का वर्णन कीजिए ?
उत्तर:-
प्रश्न-15. चर के अर्थ की विवेचना कीजिए ?
उत्तर:-
Section-C
प्रश्न-1. सारणीयन के प्रकारों का उल्लेख कीजिए तथा सारणीयन के प्रत्येक प्रकार का फार्मेट (स्वरूप) भी प्रस्तुत कीजिए ?
उत्तर:-सारणीकरण को वर्गीकृत डेटा को सारणीबद्ध रूप में रखने की प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया गया है। तालिका पंक्तियों और स्तंभों में सांख्यिकीय जानकारी की एक व्यवस्थित व्यवस्था है। तालिका की पंक्तियाँ डेटा की क्षैतिज व्यवस्था होती हैं जबकि तालिका के कॉलम डेटा की ऊर्ध्वाधर व्यवस्था होती हैं।
1. सामान्य सारणी इस प्रकार की सारणी सामान्य उद्देश्य या सदर्भ के लिए होती है तथा जनगणना रिपोर्ट एवं अन्य सरकारी प्रकाशनों में प्रयुक्त की जाती है।
2 विशेष सारणी – इस प्रकार की सारणी किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए तैयार की जाती है जोकि अनपेक्षाकृत छोटी होती है तथा किसी परिणाम को प्रभावपूर्ण ढंग से समझाती है ऐसी सामग्री में प्रतिशत, गुणा, माध्य आदि का प्रयोग किया जाता है तथा आकड़ों की संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
सारणीयन के प्रकारों और प्रत्येक प्रकार के फार्मेट का विवरण निम्नलिखित रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है:-
आकृति अनुसार सारणीयन: प्रकार: इस प्रकार की सारणी में आकृतियों के आधार पर डेटा को संग्रहित किया जाता है।
फार्मेट-
आकृति | विशेषता-1 | विशेषता-2 | — |
---|---|---|---|
आकृति -1 | abc | rtsu | — |
आकृति -2 | xyz | zyx | — |
आकृति -3 | pqr | abc | — |
— | — | — | — |
समय अनुसार सारणीयन: प्रकार: इस प्रकार की सारणी में समय के आधार पर डेटा को संग्रहित किया जाता है, जैसे कि वार्षिक या मासिक आकड़े।
फार्मेट-
समय | विशेषता-1 | विशेषता-2 | — |
---|---|---|---|
10:00 AM | abc | rtsu | — |
12:00 PM | xyz | zyx | — |
— | — | — | — |
— | — | — | — |
प्रतिष्ठा अनुसार सारणीयन: प्रकार: इस प्रकार की सारणी में किसी विशेष प्रतिष्ठा या वर्ग के आधार पर डेटा को संग्रहित किया जाता है।
फार्मेट-
विशेषता अनुसार सारणीयन: प्रकार: इस प्रकार की सारणी में किसी विशिष्ट विशेषता के आधार पर डेटा को संग्रहित किया जाता है।
फार्मेट-
इस तरह, विभिन्न प्रकार की सारणी में डेटा को विभिन्न आधारों पर संग्रहित किया जा सकता है जो डेटा की स्थिति और विश्लेषण में मदद करता है।
प्रश्न-2. वैज्ञानिक पद्धति को परिभाषित कीजिए तथा अनुसंधान में वैज्ञानिक पद्धति के चरणों का उल्लेख कीजिए ?
उत्तर:-वैज्ञानिक पद्धति ज्ञान संचय की एक विशेष विधि है, यह किसी विषय विशेष से संबंधित नहीं है। जिसमें शोधकर्ता तथ्यों का अवलोकन, सत्यापन, वर्गीकरण करके निष्पक्ष एवं व्यवस्थित ढंग से वास्तविकता का विश्लेषण करता है तथा सामान्य प्रवृत्तियों की व्याख्या करता है।
प्रश्न-3. साक्षात्कार को परिभाषित कीजिए । साक्षात्कार की प्रक्रिया एवं तकनीक की चर्चा कीजिए ?
उत्तर:-साक्षात्कार की परिभाषा: साक्षात्कार एक संवादात्मक प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति (साक्षात्कारकर्ता) द्वारा दूसरे व्यक्ति (साक्षात्कृत) से सवालों की श्रृंखला उत्तर प्राप्त करता है, जिससे उसकी जानकारी, दक्षता और व्यक्तिगतता की जांच होती है।
साक्षात्कार की परिभाषा:–
साक्षात्कार एक संवादात्मक प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति (साक्षात्कारकर्ता) द्वारा दूसरे व्यक्ति (साक्षात्कृत) से सवालों की श्रृंखला उत्तर प्राप्त करता है, जिससे उसकी जानकारी, दक्षता और व्यक्तिगतता की जांच होती है।
साक्षात्कार की प्रक्रिया और तकनीक:-
- प्रस्तावना: साक्षात्कार की प्रक्रिया की शुरुआत में साक्षात्कारकर्ता द्वारा साक्षात्कृत का स्वागत किया जाता है और प्रस्तावना की जाती है।
- सवालों की श्रृंखला: साक्षात्कारकर्ता द्वारा सवालों की श्रृंखला प्रस्तुत की जाती है जो साक्षात्कृत को उत्तर देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
- उत्तर देने की प्रक्रिया: साक्षात्कृत को सवालों के आधार पर उत्तर देने की आवश्यकता होती है। वह अपने विचार, ज्ञान, और अनुभव साक्षात्कारकर्ता के साथ साझा करता है।
- संवादात्मक कौशल: साक्षात्कारकर्ता को संवादात्मक कौशल का प्रदर्शन करना होता है, जिसमें सुनने, पूछने, समझने, और संवाद स्थापित करने की क्षमता शामिल होती है।
- समापन: साक्षात्कार की प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए साक्षात्कारकर्ता द्वारा साक्षात्कृत को धन्यवाद दिया जाता है और समापन किया जाता है।
साक्षात्कार की तकनीक:-
- संवाद की योजना: साक्षात्करण से पहले एक योजना तैयार की जानी चाहिए कि किन सवालों का उत्तर प्राप्त करना है और संवाद कैसे प्रस्तुत किया जाएगा।
- साक्षात्कृत के साथ जुड़ना: साक्षात्कारकर्ता को साक्षात्कृत से संवाद स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे साक्षात्कृत आत्मनिर्भरता से उत्तर दे सके।
- सुनने की क्षमता: साक्षात्करण करते समय साक्षात्कारकर्ता को अच्छे से सुनने की क्षमता होनी चाहिए ताकि वह साक्षात्कृत के विचारों को समझ सके।
- समझने की क्षमता: साक्षात्कारकर्ता को साक्षात्कृत के उत्तरों को समझने की क्षमता होनी चाहिए ताकि वह उनके अर्थ को सही रूप से ग्रहण कर सके।
- उपयुक्त सवाल पूछना: साक्षात्करण में साक्षात्कारकर्ता को उपयुक्त सवाल पूछने की कला आवश्यक होती है ताकि वह साक्षात्कृत से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सके।
- नेतृत्व और भावनाओं का प्रदर्शन: साक्षात्कारकर्ता को साक्षात्कृत के साथ नेतृत्व प्रदर्शित करना चाहिए और उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
- अच्छे संवाद कौशल: साक्षात्करण करते समय संवाद कौशल का प्रदर्शन करना आवश्यक होता है, जिसमें सुनने, पूछने, समझने, और प्रतिसाद देने की क्षमता शामिल होती है।
साक्षात्करण एक महत्वपूर्ण तकनीक है जिससे व्यक्तिगतता, ज्ञान, और कौशल की मापन की जा सकती है। यह एक दोनों द्विपक्षीय प्रक्रिया होती है जो ज्ञान की साझा करने और समझने में मदद करती है।
प्रश्न-4 निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ?
(अ) मूल्यांकनात्मक अनुसंधान
उत्तर:-मूल्यांकनात्मक अनुसंधान वह शोध है जिसके द्वारा समाज में प्रचलित गुणात्मक प्रकृति के तथ्यों एवं प्रवृत्तियों का अध्ययन एवं विश्लेषण तथा उनकी उपयोगिता का मूल्यांकन किया जाता है। इस प्रकार का शोध प्राकृतिक सामाजिक परिवर्तनों और नियोजित सामाजिक परिवर्तनों दोनों की प्रकृति को समझने के लिए उपयोगी है।
मूल्यांकनात्मक अनुसंधान एक प्रक्रिया है जिसमें किसी प्रोजेक्ट, प्रोग्राम, नीति या किसी उत्पाद के प्रभाव और महत्व को मूल्यांकन किया जाता है। इसका उद्देश्य यह जानना होता है कि दी गई प्रयासों या कार्यों के परिणाम कैसे हैं और क्या वे उद्देश्यों को पूरा करते हैं।
(ब) क्रियात्मक अनुसंधान
उत्तर:-किसी समस्या का तत्कालिक या त्वरित समाधान क्रियात्मक अनुसन्धान (action research) कहलाता है । इसमें किसी स्थानीय परिवेश या दैनिक जीवन से सबंधित व्यवहारिक समस्याओं को रखा गया है। जिन्हें लम्बे समय तक टोला नहीं जा सकता है। क्रियात्मक अनुसंधान एक प्रक्रिया है जिसमें अनुसंधानकर्ता समस्याओं का अध्ययन करते हैं और उन्हें हल करने के लिए क्रियाएँ निर्धारित करते हैं। यह विशेष रूप से शिक्षा, संगठन विकास और समुदाय में उपयोगी होता है जहाँ प्रैक्टिकल परिस्थितियों का अध्ययन और उनका सुधार करना महत्वपूर्ण होता है।
(स) वैज्ञानिक अनुसंधान
(द) अर्द्ध-सहभागी अवलोकन
उत्तर:- अर्द्ध-सहभागी अवलोकन अर्थात्, अर्द्ध सहभागी अवलोकन सहभागी और असहभागी अवलोकन दोनों का एक संयोजन है। इस प्रकार के अवलोकन में,अवलोकनकर्त्ता एक मूक दर्शक के रूप में जानकारी एकत्र करता है, कभी-कभी स्थिति,आवश्यकता और घटनाओं की प्रकृति के अनुसार अध्ययन समूह में भाग लेता है, और कभी-कभी इससे अलग होता है।
प्रश्न-5. वैयक्तिक अध्ययन पद्धति पर एक लघु टिप्पणी लिखते हुवे वैयक्तिक (व्यक्ति) अध्ययन पद्धति की कार्य – विधि को स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर:-
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