Mission START Program मिशन स्टार्ट कार्यक्रम
राजस्थान में मिशन स्टार्ट कार्यक्रम (Mission START Program) मिशन स्टार्ट कार्यक्रम का परिचय , उद्देश्य , योजना का क्रियान्वय व कार्य एवं दायित्व के बारे में सारी जानकारी – Mission START Program in hindi ; Mission START Program Weekly Smart Class in Hindi मिशन स्टार्ट कार्यक्रम क्या हैं
Mission START Program Weekly Smart Class
शिक्षा विभाग द्वारा “ब्लेन्डेड मोड ऑफ लर्निंग ” के प्रयोग से शिक्षा को प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा हैं डिजिटल शिक्षा सभी शिक्षार्थियों के लिए एक आनन्ददायक साधन हैं।
मिशन स्टार्ट कार्यक्रम क्या हैं
विशेष रूप से स्कूली विद्यार्थियों के सीखने के लिए एक अत्यन्त प्रभावी माध्यम सिद्ध हो रहा हैं, क्योंकि डिजिटल शिक्षा से मिलने वाली ऑडियो वीडियों सुविधा विद्यार्थियों के मस्तिष्क में ना केवल संज्ञानात्मक तत्वों की वृद्धि करती हैं बल्कि विद्यार्थियों में विषय के प्रति रोचकता एवं उत्साह को भी बढ़ाती है।
इसी के दृष्टिगत माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के तत्वाधान में 05 सितम्बर 2023 को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में विभागीय नवाचार फ्लैगशिप कार्यक्रम Mission START 2023-24 का शुभारम्भ किया गया है।
यह कार्यक्रम राज्य के दूरदराज के इलाकों में अध्ययनरत उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार किया हैं, जहां शिक्षा की पहुंच पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता हैं अर्थात या तो इन विद्यालयों में शिक्षकों के पद खित हैं अथवा अन्य किसी कारणवश विषय अध्यापकों की उपलब्धता में कमी है।
मिशन स्टार्ट के माध्यम से ऐसे समस्त विद्यालयों में विद्ययाध्यापकों के पद रिक्त अथवा शिक्षक अनुपस्थिति की स्थिति में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को विभाग द्वारा निर्मित डिजिटल कन्टेन्ट के माध्यम से अध्ययन करवाया जाकर यह सुनिश्चित किया जाना है कि शिक्षकों की कमी या अनुपस्थिति का प्रतिकूल प्रभाव विद्यार्थी की अध्धयन निरन्तरता पर न हो।
Mission START Program का उद्देश्य
Mission START Program Weekly Smart Class का उद्देश्य-
- जिन विद्यालय में कक्षा 9 से 12 के विषयाध्यापकों के पद रिक्त हैं, अथवा किसी भी कारणवश (यथा दुर्घटना, मातृत्व अवकाश, अन्य मेडिकल आपात स्थितियों में) शिक्षक की उपलब्धता नहीं होने की स्थिति में विद्यार्थियों को उक्त विषय का डिजिटल माध्यम से शिक्षण करवाया जाना हैं।
- विद्यालयों में उपलब्ध क्रियाशील आईसीटी लैब, कम्प्यूटर्स, विभिन्न डिजिटल संसाधन यथा स्मार्ट टी. वी. / आई. एफ.पी.डी / प्रोजेक्टर / इंटरेक्टिव पैनल / स्मार्ट बोर्ट इत्यादि की उपलब्धता का आंकलन किया जाकर इन समस्त डिजिटल संसाधनों का प्रभावी उपयोग विद्यार्थी शिक्षण में किया जाना हैं।
- शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी काले विद्यालयों में सभी विषयों का ई-कन्टेन्ट उपलब्ध करवाना। ई-कन्टेन्ट की उपलब्धता परिस्थितिनुसार हार्ड डिस्क, पैनड्राईव आदि के माध्यम से सुनिश्चित कसाना तथा ई-करेन्ट की मैपिंग करना ।
- विद्यालयों में उपलब्ध इंटरनेट का समुचित उपयोग कर विभागीय यूट्यूब चैनल के माध्यम से विद्यार्थियों का शिक्षण सुनिश्चित करना है।
- विद्यालय की आवश्यकता के अनुसार ब्लैंडेड मॉड ऑफ टीचिंग (ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से) के लिए समुचित समय सारणी तैयार करवाना तथा उसके अनुसार कक्षाओं का सुचारू संचालन करवाना ।
Mission START Program का क्रियान्वयन
Mission START Program Weekly Smart Class का क्रियान्वयन-
विद्यालयों में आई सी टी लैब्स तथा कम्प्यूटर्स, विभिन्न डिजिटल संसाधन यथा स्मार्ट टी.वी. /आई.एफ.पी.डी/प्रोजेक्टर/इंटरेक्टिव पैनल/स्मार्ट बोर्ड इत्यादि उपलब्ध है। अतः इन संसाधनों के उचित उपयोग से विभाग के दक्ष शिक्षकों के द्वारा निर्मित इस ई-कंटेन्ट को विद्यालयों तक पहुंचाया जाना और इसका सुचित उपयोग करवाना विभाग की प्राथमिकता है।
डिजिटल लर्निंग विद्यार्थियों को अपनी सीखने की गति के अनुसार अध्ययन करने की सुविधा प्रदान करता है साथ ही शिक्षक भी नवाचारों एवं नये विचारों के समावेशन से अपने अध्यापन को अधिक प्रभावी बना सकते है। डिजिटल शिक्षा द्वारा विद्यार्थियों का समग्र विकास भी किया जा सकता है , क्योंकि इन्ही सभी बिंदुओं के मद्देनजर विभाग द्वारा मिशन स्टार्ट कार्यकम को प्रारम्भ किया गया है।
लक्षित समुह | कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थी |
Mission START Program का क्रियान्वयन निम्न प्रकार से किना जाना है-
- विद्यालय में हाईवेयर उपलब्धता एवं क्रियाशीलता की स्थिति
- पदरिक्त या शिक्षक की अनुपस्थिति
- ई-कन्टेन्ट की उपलब्धता एवं मैपिंग
- हार्ड डिस्क के माध्यम से –
- विभागीय यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से
- ई कंटेट द्वारा निरन्तर कक्षा शिक्षण
- ई-कंटेट की मैपिंग
- विद्यालयवार समय सारणी तैयार करना
- ई कन्टेन्ट का उपयोग
- शालादर्पण मॉड्यूल पर प्रविष्टि
विद्यालय में हाईवेयर उपलब्धता एवं क्रियाशीलता की स्थिति
- मिशन स्टार्ट कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समस्त अधिकारीगण अपने परिक्षेत्र के समस्त विद्यालय में उपलब्ध आईसीटी योजनान्तर्गत अथवा भामाशाह या अन्य किसी भी माध्यम से उपलब्ध सभी डिजिटल उपकरणों जैसे स्मार्ट टीवी / आई .एम.पी.डी. / प्रोजेक्टर / इंटरेक्टिव पैनल / स्मार्ट बोर्ड इत्यादि की उपलब्धता एवं क्रियाशील उपकरणों की संख्या स्वयं के स्तर पर संधारित की जानी हैं।
- साथ ही यह सुनिश्चित करना हैं कि अधिक से अधिक उपकरण व आईसीटी लैब्स क्रियाशील स्थिति में रहें ताकि ई-कंटेट द्वारा कक्षाओं का संचालन निर्बाध रूप से हो सके।
पदरिक्त या शिक्षक की अनुपस्थिति–
- सभी अधिकारीगण अपने परिक्षेत्र में कक्षा 9-12 तक शैक्षिक रिक्त पदों का आंकलन करेंगे साथ ही विविध परिस्थितियों यथा मातृत्व अवकाश, चाइल्ड केयर लीव, मेडिकल अवकाश इत्यादि किसी भी कारण से शिक्षक लंबे अवकाश पर है तो यह जानकारी भी संधारित करेंगे तथा मांगे जाने पर निदेशालय के अधिकारियों को प्रेषित करेंगे।
- सामान्य आकस्मिक अवकाश की स्थिति में भी शिक्षक के साप्ताहिक पाठ योजना के अनुरूप निर्धारित पाठ्यसामग्री का ई- कंटेन्ट विद्यार्थियों को दिखाया जाना है।
ई-कन्टेन्ट की उपलब्धता एवं मैपिंग-
- हार्ड डिस्क के माध्यम से – प्रत्येक विद्यालय तक हार्डडिस्क के माध्यम से ई कंटेट की पहुंच करने के लिए समसा आईसीटी सेल द्वारा इस हेतु 15070 हार्डडिस्क (4TB) की ई-कंटेन्ट सहित विद्यालयों तक पहुंचायी जायेगी । समस्त अधिनस्थों को समसा द्वारा आवश्यकतानुसार तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा।
- विभागीय यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से – विधालग में इंटरनेट की उपलब्धता होने की स्थिति में विभागीय यूट्यूब चैनल के माध्यम से कंटेट दिखाया जाना सुनिश्चित करेंगे।
- ई कंटेट द्वारा निरन्तर कक्षा शिक्षण – विद्यालय में ई-कंटेट की पहुँच सुनिश्चित करने के पश्चात प्रतिदिन विद्यालयवार निर्धारित समय सारणी के अनुसार कक्षाएं लिया जाना सुनिश्चित किया जाये।
- ई-कंटेन्ट की मैपिंग – समस्त पाठ्यक्रम के लिए निर्मित ई कंटेट में से कौनसा कंटेन्ट किस विषय वस्तु के लिए निर्धारित हैं इसे स्कूल लैसन गाईडेंस मांडयूल में वर्णित किया गया है। इस मैपिंग किये गये ई कंटेन्ट के अनुरूप ही कक्षा कक्ष में रिक्त कालांश में उसी विषय के शिक्षण के लिए दिये गये ई कन्टेन्ट के लिंक अथवा सामग्री का हीं उपयोग किया जाना है।
विद्यालयवार समय सारणी तैयार करना–
विद्यालय में रिक्त पदों एवं अनुपस्थित शिक्षकों की संख्या के अनुरूप एवं मिशन स्वर्ट कार्यक्रम के लिए बनाये गये स्कूल लैसन गाईडेंस मॉडयूल के अनुगार विद्यालय की आवश्यकता की अनुरूप हीं विषय के रिक्त कालांश की पूर्ति हेतु उसी विषय के शिक्षण के लिए उपयोग किये जाने के लिए समय-सारणी का निर्माण किया जाना है।
- उक्त निर्मित समय सारणी का प्रिंट विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाना अनिवार्य रहेगा ।
ई कन्टेन्ट का उपयोग–
कक्षा 9 से 12 तक के शैक्षिक रिक्त पदों के अनुरूप ई कंटेन्ट का उपयोग निर्धारित समय सारणी के अनुसार किया जाना है।
शालादर्पण मॉड्यूल पर प्रविष्टि–
स्कूल लैसन गाईडेंस मॉड्यूल के अनुसार निर्मित की गई समय सारणी को प्रत्येक सप्ताह के शुक्रवार को शालादर्पण मॉड्यूल पर प्रविष्ट किया जाना है।
Mission START Program कार्य एवं दायित्व
Mission START Program कार्य एवं दायित्व-
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